वर्ष 2023 में वक्री ग्रह और उनका प्रभाव
Retrograde Planets in 2023 and Their Effects
ज्योतिषीय परिभाषा के अनुसार किसी भी ग्रह की चाल को वक्री तब कहा जाता है जब पृथ्वी के सापेक्ष आकाश में अग्र दिशा में गतिमान ग्रह रुक कर पीछे की ओर गतिशील नज़र आये। यह एक प्रकार का दृष्टि भ्रम है जो कि पृथ्वी, सूर्य और उस ग्रह की सापेक्षिक गति के कारण उत्पन्न होता है। किसी भी ग्रह की चाल में इस प्रकार के परिवर्तन को वक्री अवस्था कहा जाता है। ज्योतिष दृष्टिकोण से वक्री अवस्था में ग्रह अपने शुभ अशुभ प्रभावों में बढ़ोतरी दर्शाता है क्योंकि विद्यमान राशि में उसका समय काल बढ़ जाता है। सामान्यत: बुध ग्रह वर्ष में तीन बार, बृहस्पति और शनि वर्ष में एक-एक बार, शुक्र और मंगल 2 वर्ष में एक बार वक्री होते हैं इसके विपरीत सूर्य और चंद्रमा कभी भी वक्री अवस्था नहीं दर्शाते जबकि राहु और केतु की गति सदैव वक्री होती है।
किसी भी ग्रह के वक्री होने से उसके शुभ या अशुभ प्रभाव जातक की जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति, दशा-महादशा व अन्य ग्रहों के गोचर पर निर्भर करता है। इस वर्ष बुध, शुक्र, मंगल,बृहस्पति और शनि के वक्री होने पर विभिन्न राशियों पर निम्न प्रभाव परिलक्षित होंगे।
- बुध: वर्ष 2023 में बुध ग्रह का वक्री काल व प्रभाव निम्नानुसार होंगे। 29 दिसंबर 2022 से 18 जनवरी 2023 तक धनु राशि में 20 दिन के लिए (मेष, मिथुन, तुला वृश्चिक व कुंभ राशि के लिए लाभदायक), 21 अप्रैल 2023 से 15 मई 2023 तक मेष राशि में 23 दिनों के लिये (मिथुन, सिंह, तुला, कुंभ व मीन राशि के लिए लाभदायक), 23 अगस्त 2023 से 15 सितंबर 2023 से सिंह राशि में 23 दिनों के लिए (मिथुन, कर्क, तुला, धनु, कुंभ राशि के लिए लाभदायक), 13 दिसंबर 2023 से 2 जनवरी 2024 तक धनु व मकर राशि में 19 दिनों के लिये (मेष, मिथुन, तुला, वृश्चिक और कुंभ राशि के लिए लाभदायक)।
- शुक: वर्ष 2023 में शुक्र ग्रह 23 जुलाई 2023 से 4 सितंबर 2023 तक सिंह राशि में वक्री अवस्था में रहेगा (कुल 42 दिनों के लिये)। शुक्र ग्रह का यह गोचर मिथुन, कर्क, तुला, धनु व कुंभ राशि के लिए लाभकारी व अन्य राशियों के अशुभ रहेगा।
- मंगल: वर्ष 2023 में मंगल 30 अक्टूबर 2022 से 12 जनवरी 2023 तक वृषभ राशि में वक्री रहेंगे (कुल 74 दिनों के लिए। मंगल ग्रह का अधिकतम वक्री समय 2022 में ही व्यतीत हो जाएगा। उपरोक्त गोचर मेष, कन्या, वृश्चिक, मकर और मीन राशि के लिए लाभप्रद रहेगा।
- बृहस्पति: वर्ष 2023 में बृहस्पति ग्रह 4 सितंबर 2023 से 30 दिसंबर 2023 तक मेष राशि में वक्री रहेंगे (कुल 117 दिन)। बृहस्पति का यह गोचर मिथुन, सिंह, तुला, कुंभ व मीन राशि के लिए लाभप्रद रहेगा व अन्य राशियों के लिए कष्टमय रहेगा।
- शनि: वर्ष 2023 में शनि 17 जून 2023 से 4 नवंबर 2023 तक कुंभ राशि में वक्री रहेंगे (कुल 139 दिन) शनि का यह गोचर मेष, मिथुन, सिंह, धनु व मकर राशि के लिए लाभप्रद रहेगा व अन्य राशियों के लिए अशुभ फलदायक होगा।
ज्योतिष अध्ययन में अनुभव किया गया है कि किसी भी ग्रह के वक्री अवस्था में अशुभ फल में कमी करने हेतु विशेष ज्योतिष उपाय करने प्रभावी रहते हैं जैसे व्रत, ग्रह उपासना, विशेष पूजा अर्चना अथवा रत्न धारण संबंधी हो सकता है। इस विषय में जानकारी हेतु वेबसाइट पर दिए गए लिंक के माध्यम से सम्पर्क करें।
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