प्रेम और सौंदर्य के कारक शुक्र 23 जुलाई से होंगे वक्री
(Effects of Retrograde Venus on all Zodiac Sign)
वैदिक ज्योतिष परंपरा में शुक्र को वैभव और विलासिता का कारक माना गया है। शुक्र ग्रह अपनी राशि, उच्च राशि व मित्र राशि में स्थित होने पर धन, समृद्धि, आकर्षण, सुंदरता, प्रेम, पारिवारिक संबंध और जीवन में संतुष्टि को दर्शाते हैं। इसके अतिरिक्त प्रबल शुक्र संगीत, डिजाइनिंग, मीडिया, फैशन जगत, फिल्मी दुनिया, गहने, कीमती पत्थर, मेकअप, सुरुचिपूर्ण भोजन व आमोद प्रमोद का कारक होता है।
इसके विपरीत शुक्र ग्रह के शत्रु राशि, नीच राशि व अशुभ ग्रहों के साथ युति होने पर प्रेम प्रसंग में विफलता, वैवाहिक जीवन में अड़चन, विलासिता में कमी, शारीरिक व मानसिक कष्ट, निम्न स्तरीय जीवन, पत्नी स्वास्थ्य में गिरावट, धन हानि, यौन अंगों में कमजोरी आदि प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।
शुक्र ग्रह दिनांक 23 जुलाई को प्रातः 6:01 पर सिंह राशि मे वक्री होंगे और वक्री अवस्था मे ही 7 अगस्त 2023 को रात्रि 11:32 पर पुनः कर्क राशि मे प्रवेश करेंगे व 4 सितंबर 2023 को प्रातः 6:17 पर मार्गी होंगे और इसके पश्चात 2 अक्टूबर 2023 को 00:45 पर सिंह राशि मे प्रवेश करगें। शुक्र के वक्री होने के कारण विलासिता और भौतिक वस्तुओं की कीमत में बढ़ोतरी हों सकती है और इसके अतिरिक्त आपसी सम्बंधों में तनाव आ सकता है।
वक्री शुक्र को बल प्रदान करने के लिए स्त्रियों का मान सम्मान, घर में साफ सफाई, श्वेत वस्त्र के धारण करने के अतिरिक्त हीरा को अनामिका अंगूठी में धारण करना लाभदायक रहता है। किंतु आर्थिक परिस्थिति के कारण हीरा धारण करना
संभव ना हो तो हीरे का विकल्प कुरंगी, दतला, तुरमली या सिम्मा भी धारण किया जा सकता है।
शुक्र ग्रह से वक्री होने से विभिन्न राशियों पर निम्नलिखित प्रभाव परिलक्षित होंगे।
- मेष: रचनात्मक कार्यों में रुझान, प्रेम प्रसंग अथवा सट्टेबाजी के मनोवृति, गृहस्थान पर नवाचार, भूमि मकान वाहन के क्रय विक्रय के योग ।
- वृषभ: संप्रेषण से लाभ, नवीन कार्य, छोटे भाई बहन अथवा अधीनस्थ का सहयोग, माता संबंधी चिंता, भूमि, मकान वाहन का क्रय विक्रय अथवा गृह स्थान पर नवाचार।
- मिथुन: पारिवारिक आयोजन, सुरुचि भोजन, नेत्र अथवा वाणी दोष, परिसंपत्ति निर्माण योग, कार्य हेतु यात्रा, संप्रेषण से लाभ।
- कर्क: आत्मचिंतन, एकांतवास, पारिवारिक सहयोग, वाणी से लाभ, परिसंपत्ति निर्माण हेतु प्रयास।
- सिंह: आत्मछवि से असंतोष, आत्म मनन, खर्च में बढ़ोतरी, सुदूर प्रांत से लाभ अथवा लंबी यात्रा, अस्पताल संबंधित खर्च।
- कन्या: संपर्क सूत्र में बढ़ोतरी, आय के नए साधन हेतु प्रयास, आर्थिक असंतुलन, विदेश से लाभ, यात्रा योग।
- तुला: बड़े भाई बहनों का सहयोग, आय में बढ़ोतरी, नवीन संपर्कों से लाभ, कार्यस्थल पर अधिक ऊर्जा, आर्थिक अनुकूलता।
- वृश्चिक: कार्यस्थल पर प्रतिकूलता, नौकरी अथवा पदोन्नति हेतु विशेष प्रयास, सामाजिक प्रतिष्ठा से असंतोष, धार्मिक क्रियाकलाप अथवा धार्मिक यात्रा।
- धनु: उच्च अध्ययन के अवसर, गुरुजनों का आशीर्वाद, धार्मिक अनुष्ठान, नकारात्मक मानसिकता, कार्य में बाधा।
- मकर: मन में भय अथवा आशंका, यंत्र तंत्र मंत्र की ओर झुकाव, ससुराल से मतभेद, भूमिगत वस्तुओं से लाभ, मित्रों का सहयोग।
- कुंभ: व्यापारिक साझेदारी के योग, सगाई अथवा नव संपर्क के अवसर, जीवनसाथी अथवा मित्रों का सहयोग, कार्य में अड़चन।
- मीन: रोग ऋण अथवा शत्रु बाधा, कानूनी वाद विवाद, निकट संबंधों में तनाव, अनावश्यक तर्क वितर्क, संतान संबंधी चिंता, रचनात्मक कार्य में रुझान।
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