मंगल का कन्या राशि में गोचर
( Mars Transit in Virgo )
वैदिक ज्योतिष में मंगल महत्वपूर्ण ग्रह है जोकि अग्नि कारक और नवग्रहों में मंगल को सेनापति माना गया है। कुंडली मे मंगल जातक के साहस, ऊर्जा, गतिशीलता, जीवन शक्ति और अनुशासन का कारक होता है तथा व्यक्ति के शरीर में खून,हड्डी, शारीरिक चोट या दुर्घटना द्योतक होता है। इसके अतिरिक्त मंगल भूमि, वाहन, आग्नेय अस्त्र का भी प्रतिनिधित्व करता है।
जातक की कुंडली में मंगल प्रबल होने पर व्यक्ति का साहसी ऊर्जावान और अनुशासित होता है और दुर्बल होने पर आलसी, ऊर्जाहीन और क्रोधी होता है। दुर्बल या नीच राशि मे उपस्थित मंगल को प्रबलता देने हेतु मंगलवार के दिन सोने की अंगूठी में मूगा का अनामिका अंगुली में धारण करना श्रेयकर रहता है।
दिनांक 18 अगस्त 2023 को दोपहर 3:14 मिनट पर मंगल ने अग्नि तत्व की राशि को सिंह को त्याग कर पृथ्वी तत्व की कन्या राशि मे प्रवेश किया और कन्या राशि मे 3 अक्टूबर 2023 तक रहेंगे। मंगल के इस गोचर से व्यापारिक प्रबंधन में अनुकूलता, यातायात और वस्तुओं के परिवहन में सुगमता, आर्थिक अनुकूलता में वृद्धि होगी।
मंगल के कन्या राशि में प्रवेश करने पर विभिन्न राशियों में निम्नलिखित प्रभाव परिलक्षित हो सकते हैं।
- मेष : कानूनी वाद-विवाद, रोग, ऋण अथवा शत्रु बाधा, दैनिक क्रियाकलाप या स्वास्थ्य के प्रति अनुशासन।
- वृषभ: रचनात्मक क्रियाकलाप, संतान संबंधी कार्यों में ऊर्जा, शेयर बाजार अथवा सट्टेबाजी की मनोवृत्ति।
- मिथुन: गृहस्थान में नवाचार, भूमि मकान वाहन के क्रय विक्रय के इच्छा, माता संबंधी परेशानी।
- कर्क: कार्य हेतु यात्रा, छोटे भाई-बहन अथवा अधीनस्थ से मतभेद, संप्रेषण या नेतृत्व संबंधी कार्य में ऊर्जा।
- सिंह: पारिवारिक आयोजन या पारिवारिक जिम्मेदारी, स्थायी संपत्ति निर्माण की इच्छा, वाणी अथवा नेत्र सम्बंधी दोष।
- कन्या: आत्मानुशासन को लेकर प्रयास, शारीरिक कष्ट, आत्म छवि को लेकर असंतोष।
- तुला: आमोद प्रमोद अथवा लंबी दूरी की यात्रा में व्यय, व्यापार में हानि, अस्पताल संबंधी खर्च, मानसिक चिंता।
- वृश्चिक: संपर्क सूत्रों में बढ़ोतरी, आय में वृद्धि हेतु प्रयासों में अनुशासन, बड़े भाई बहन से मतभेद, आर्थिक अनुकूलता।
- धनु: नौकरी अथवा पदोन्नति हेतु विशेष प्रयास, उच्च अधिकारियों अथवा पिता से संबंधों में सुधार, सामाजिक प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी हेतु प्रयास।
- मकर: उच्च अध्ययन के अवसर, धार्मिक क्रियाकलाप, गुरुजनों का आशीर्वाद, नव संस्कृति से संपर्क।
- कुंभ: भूमिगत वस्तु अथवा तंत्र मंत्र की ओर झुकाव, नकारात्मक मानसिकता, मन में भय अथवा आशंका।
- मीन: नव साझेदारी के योग, विवाह अथवा सगाई के अवसर, पत्नी अथवा जीवनसाथी का सहयोग।
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